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मंगलवार, 18 अक्तूबर 2022

नकारात्मकता से बाहर निकलने के लिए कृतज्ञता

 



नकारात्मकता से बाहर निकलने के लिए कृतज्ञता 

अभ्यास – 8


चाहे संबंधों की उलझन हो, आर्थिक दबाव हो, स्वास्थ्य की गड़बड़ी हो या नौकरी की समस्याएँ हों, लंबे समय तक कृतज्ञता की कमी के कारण नकारात्मक परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। यदि हम अपने जीवन की हर चीज़ के लिए कृतज्ञ नहीं हैं, तो समझ लीजिए कि अनजाने में ही सही, हम उन चीज़ों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। चीज़ों को नज़रअंदाज़ करना नकारात्मकता का एक प्रमुख कारण है, क्योंकि जब हम चीज़ों को नज़रअंदाज़ करते हैं, तो हम बदले में धन्यवाद नहीं दे रहे हैं और इसके फलस्वरूप अपने जीवन में चमत्कार को सक्रिय होने से रोक रहे हैं। जिस तरह दूसरों को धन्यवाद देने से हमारे जीवन में हमेशा चमत्कार बढ़ता है, उसी तरह चीज़ों को नज़रअंदाज़ करने से हमारे जीवन में चमत्कार कम हो जाता है।


जब आपका स्वास्थ्य अच्छा होता है, तब क्या आप उसके लिए कृतज्ञ होते हैं? या फिर आप उस पर केवल तभी गौर करते हैं, जब शरीर बीमार हो जाता है या इसमें कहीं चोट लग जाती है? क्या आप हर दिन अपनी नौकरी के लिए कृतज्ञ होते हैं या फिर उसे सिर्फ़ तभी महत्व देते हैं, जब आप सुनते हैं कि छँटनी होने वाली है? क्या आप हर माह मिलने वाले वेतन या तनख्वाह के लिए हर बार कृतज्ञ होते हैं, या फिर उसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं? जब हर संबंध सुचारु ढंग से चलता है, तब क्या आप परिजनों के लिए कृतज्ञ होते हैं, या फिर आप उनके बारे में दूसरों से तभी बातचीत करते हैं, जब संबंधों में समस्याएँ आ जाती हैं? जब आपकी कार अच्छी तरह चल रही होती है, तब क्या आप उसके लिए कृतज्ञ होते हैं? या फिर आप उसके बारे में केवल तभी सोचते हैं, जब वह खराब हो जाती है?


क्या आप हर दिन जीवित रहने के लिए कृतज्ञ होते हैं? या फिर आप अपने जीवन को नज़रअंदाज़ कर देते हैं? चीज़ों को मामूली समझने का परिणाम होता है शिकायत, नकारात्मक विचार और शब्द ।


इसलिए जब आप शिकायत करते हैं, तो सृष्टि का नियम आपके जीवन में और अधिक चीजें ले आता है, जिनके बारे में आप शिकायत कर सकें! यदि आप मौसम, ट्रैफ़िक, अपने बॉस, जीवनसाथी, परिवार, मित्र, अजनबी, क़तार में इंतज़ार करने, बिलों, अर्थव्यवस्था, किसी चीज़ की क़ीमत या किसी कंपनी की सेवा के बारे में शिकायत कर रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि आप कृतज्ञ नहीं हो रहे हैं तथा हर शिकायत के साथ अपने


सपनों के जीवन को दूर धकेल रहे हैं।


अब आप समझ चुके हैं कि शिकायत करने, नकारात्मक विचार सोचने या नकारात्मक शब्द बोलने और चीज़ों को नज़रअंदाज़ करने से आपके जीवन में अच्छी चीज़ों का प्रवाह रुक जाता हैं। अब आप समझ चुके हैं कि जब कोई चीज़ बहुत ग़लत होती है, तो इसका अर्थ है कि आप अनजाने में पर्याप्त कृतज्ञ नहीं हुए।


जब आप कृतज्ञ होते हैं, तो नकारात्मक होना असंभव होता है। जब आप कृतज्ञ होते हैं, तो आलोचना करना और दोष मढ़ना असंभव होता है। जब आप कृतज्ञ होते हैं, तो दुखी महसूस करना या कोई भी नकारात्मक भावना रखना भी असंभव होता है। और सबसे अच्छी ख़बर यह है कि यदि इस वक़्त आपके जीवन में कोई नकारात्मक स्थिति है, तो कृतज्ञता के ज़रिए उसका कायाकल्प करने में लंबा समय नहीं लगेगा। नकारात्मक परिस्थितियाँ धुएँ के साथ ग़ायब हो जाएँगी ।


पहली चीज़, आपको नकारात्मक स्थिति में भी कृतज्ञ होने की चीजें तलाशनी होंगी, चाहे इसमें आपको कितनी ही मुश्किलें आयें। परिस्थितियाँ चाहे कितनी ही ख़राब हों, आप हमेशा कृतज्ञ होने के लिए कोई न कोई चीज़ खोज सकते हैं, ख़ास तौर पर तब जब आप यह बात जानते हों कि आपकी कृतज्ञता हर नकारात्मक परिस्थिति को जादू से बदल देगी। वॉल्ट डिज़नी जीवन के सच्चे जादू के बारे में जानते थे और उन्होंने अपनी फ़िल्म पॉलीआना में हमें दिखाया है कि यह कैसे किया जा सकता है।


डिज़नी की 1960 की फ़िल्म पॉलीआना में "द ग्लैड गेम" था, जिसने बचपन में मुझ पर गहरा असर डाला। मैंने बचपन और किशोरावस्था में इस फ़िल्म का द ग्लैड गेम बहुत खेला। इस खेल में आप ख़ुश रहने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा चीज़ों की लगातार तलाश करते हैं, ख़ास तौर पर नकारात्मक स्थिति में नकारात्मक स्थिति में ख़ुश होने (या कृतज्ञ होने वाली चीजें खोजने से अचानक समाधान प्रकट हो जाता है!


वॉल्ट डिज़नी ने पॉलीआना में कृतज्ञता की रहस्यमय शक्ति दर्शाई थी और हज़ारों साल पहले गौतम बुद्ध ने भी इसी जादुई शक्ति के इस्तेमाल का तरीक़ा बताया था, जब उन्होंने कहा था:


" आइए उठें और कृतज्ञ हों, क्योंकि आज यदि हमने बहुत नहीं सीखा, तो भी कम से कम कुछ तो सीखा और यदि हमने कुछ नहीं सीखा, तो भी कम से कम बीमार तो नहीं पड़े और अगर हम बीमार भी पड़ गए, तो भी कम से कम हम मरे तो नहीं; इसलिए आइए हम सब कृतज्ञ हों।"

–गौतम बुद्ध (लगभग 563 ईपू-483 ईपू) बौद्ध धर्म के संस्थापक


बुद्ध के शब्दों को अपनी प्रेरणा बना लें और आज ही अपने जीवन की किसी ऐसी समस्या या नकारात्मक परिस्थिति को लें, जिसे सुलझाना आपके लिए सबसे अधिक आवश्यक हो। इसके बाद कृतज्ञ होने के लिए दस चीजों की तलाश करें। मैं जानता हूँ कि इस अभ्यास को शुरू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन बुद्ध ने आपको यह करने का तरीक़ा दिखा दिया है। अपने कंप्यूटर पर या अपने कृतज्ञता जर्नल में दस चीज़ों की सूची लिख लें।


उदाहरण के तौर पर, आपकी समस्या यह हो सकती है कि आप बेरोज़गार हैं और अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिशों के बावजूद आपको अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है। इस स्थिति को शीघ्रता और चमत्कार से उलटने के लिए आपको इस पर कृतज्ञता के अभ्यास को केंद्रित करना होगा।


आप क्या कह सकते हैं, इसके कुछ उदाहरण यहाँ दिए जा रहे हैं:


1. मैं बहुत कृतज्ञ हैं कि इस दौरान मेरे पास अपने परिवार के लिए अधिक समय है।


2. मैं कृतज्ञ हूँ कि खाली समय होने के कारण अब मेरा जीवन बेहतर व्यवस्थित हो गया है।


3. मैं कृतज्ञ हूँ कि मेरे पास जीवन में अधिकतर समय नौकरी रही है और में अनुभवी हूँ।


4. मैं सचमुच कृतज्ञ हूँ कि यह पहली बार है, जब मैं बेरोज़गार रहा हूँ।


5. मैं कृतज्ञ हूँ कि रोज़गार के नए विकल्प उत्पन्न हो रहे हैं और हर दिन नई नौकरियाँ सामने आ रही हैं। 6. मैं उन सारी चीज़ों के लिए कृतज्ञ हूँ, जो मैंने नौकरियों के लिए आवेदन और साक्षात्कार देते समय सीखी हैं।


7. मैं कृतज्ञ हूँ कि मेरा स्वास्थ्य अच्छा है और मैं काम कर सकता हूँ।


8. मैं अपने परिवार के प्रोत्साहन और समर्थन के लिए कृतज्ञ हूँ।


9. मैं उस आराम के लिए कृतज्ञ हूँ, जो मुझे मिला, क्योंकि मुझे इसकी जरूरत थी।


10. मैं कृतज्ञ हूँ कि नौकरी खोने की वजह से मुझे यह अहसास हो गया कि यह मेरे लिए कितनी अधिक मायने रखती है। मुझे अब तक ऐसा अहसास कभी नहीं हुआ था।


बेरोज़गार व्यक्ति की कृतज्ञता के फलस्वरूप वह भिन्न परिस्थितियों को अपनी ओर आकर्षित करेगा और उसकी वर्तमान स्थिति निश्चित रूप से चमत्कारिक तरीके से बदल जाएगी। दरअसल, कृतज्ञता किसी भी नकारात्मक स्थिति से अधिक शक्तिशाली होती है और यह अनगिनत तरीक़ों से नकारात्मक स्थिति को बदल सकती है आपको तो बस कृतज्ञता का अभ्यास करना है और जादू होते देखना है!



11. मैं कृतज्ञ हूँ कि मेरे जीवन के अधिकतर संबंध सचमुच अच्छे हैं।


12. मैं अपने माता – पिता के प्रति कृतज्ञ हूँ कि वे मेरी शिक्षा की खातिर इतनी कड़ी मेहनत करते हैं, जो उन्हें नहीं मिल पाई।


 13. मैं कृतज्ञ हूँ कि माता जी– पिताजी ने मेरे बचपन में हमारे परिवार को सहारा दिया, क्योंकि मुझे जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि हमारे परिवार का खर्च चलाने के लिए कितनी कड़ी मेहनत और धन की ज़रूरत होती है।


14. में कृतज्ञ हूँ कि माता जी– पिताजी मुझे बचपन में हर शनिवार को बास्केटबॉल खिलाने ले गए।


15. मैं कृतज्ञ हूँ कि माता जी –पिताजी आजकल मुझपर इतने सख्त नहीं हैं, जितने कि पहले हुआ करते


थे।


 6. मैं कृतज्ञ हूँ कि माता जी– पिताजी मेरी इतनी ज़्यादा परवाह करते हैं, क्योंकि यदि उन्हें परवाह नहीं होती, तो वे मुझ पर इतनी सख्ती नहीं करते।


7. मैं कृतज्ञ हूँ कि माता जी– पिताजी के साथ मेरे संबंधों की बदौलत ही मैंने यह सीखा कि अपने बच्चों के प्रति करुणा रखना चाहिए और उन्हें ज़्यादा अच्छी तरह समझना चाहिए।

 8. मैं माताजी –पिताजी के प्रति कृतज्ञ हूँ, जो उन्होंने मुझे दिखाया कि प्रसन्नचित्त और आत्मविश्वासी बच्चे पालने में प्रोत्साहन कितना महत्वपूर्ण है।


9. मैं सचमुच कृतज्ञ हैं, जब मैं अपने माता पिता के साथ हँसता हूँ कुछ लोग तो ऐसा कभी नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उनके पास माता या पिता ही नहीं हैं। और जो लोग अपने माता पिता को खो चुके हैं,


उन्हें दोबारा कभी अपने माता– पिता के साथ हँसने का मौक़ा नहीं मिल पाएगा। 


10. मैं सचमुच कृतज्ञ हूँ कि मेरे पास माता –पिता हैं, क्योंकि कठिन समय के बीच अच्छे समय भी रहे हैं और माता –पिताजी के साथ आगे भी और अच्छे समय रहेंगे।


माता –पिता के लिए बेटा जब कृतज्ञता की भावनाएँ पूरी शिद्दत से महसूस करेगा, तो इसके फलस्वरूप उनका संबंध बेहतर हो जाएगा। बेटा अपने माता –पिता के बारे में सोचने और महसूस करने का तरीका बदल लेगा, जिससे वह चीज़ भी बदल जाएगी, जो वह अपने माता –पिता से आकर्षित करता था। भले ही बेटा मन ही मन कृतज्ञ हो, लेकिन क्वांटम और ऊर्जा के स्तर पर बेटे की कृतज्ञता पिता के साथ उसके संबंध पर जादुई असर डालेगी। यदि वह अपनी कृतज्ञता को कायम रखता है, तो आकर्षण के नियम की बदौलत बेटे को अपने माता– पिता के साथ कहीं बेहतर परिस्थितियाँ प्राप्त होंगी और उनका संबंध तत्काल बेहतर होने लगेगा।


याद रखें, आप कैसा महसूस करते हैं, उससे आप यह पता लगा सकते हैं कि आपकी कृतज्ञता काम कर रही है या नहीं। कृतज्ञता का अभ्यास करने के बाद आपको स्थिति को लेकर बहुत बेहतर महसूस होना चाहिए। कृतज्ञता की चमत्कारिक शक्ति के सक्रिय होने का पहला प्रमाण यह है

कि आपकी भावनाएँ ऊपर उठ जाती हैं, इसलिए जब भी आप परिस्थितियों को लेकर बेहतर महसूस करें, तो जान लें कि परिस्थितियाँ बेहतर होने वाली हैं और समाधान प्रकट होने वाले हैं। आप जिस भी नकारात्मक स्थिति को सुलझाना चाहते हों, उसका तरीका एक ही है। उस पर केंद्रित कृतज्ञता का अभ्यास तब तक करते रहें, जब तक कि आप अंदर से बेहतर महसूस न करने लगें। फिर आपको बाहरी जगत में भी जादू दिखने लगेगा।


आप जिन दस चीज़ों के लिए कृतज्ञ हैं, उनकी लिखित सूची इस तरह बनाएँ:




•............ के लिए बहुत अधिक कृतज्ञ हूँ।


या, मैं.............के लिए सचमुच कृतज्ञ हूँ।


और खाली स्थान में भर लें कि आप किस चीज़ के लिए कृतज्ञ हैं। यदि आपको अधिक आसान लगता हो, तो आप कृतज्ञता की जादुई शक्ति का इस्तेमाल करने का दुर्गा सप्तशत के अध्याय 1 में ब्रम्हा जी द्वारा माता दुर्गा की स्तुति या अध्याय 4  में देवताओं द्वारा माता दुर्गा की स्तुति का तरीका भी आज़मा सकते हैं: मैं बहुत खुश हूँ कि और इस वाक्य को पूरा करते हुए लिखें कि आप किस बारे में ख़ुश हैं। एक बार जब आप उन दस चीजों की सूची बना लें, जिनके लिए आप कृतज्ञ हैं, तो नकारात्मकता को बाहर रखने के चमत्कारिक प्रयास का अभ्यास यह लिखकर पूरा करें:


आदर्श समाधान के लिए धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद ।


और सिर्फ़ आज के लिए देखें कि क्या आप कोई नकारात्मक बात कहे बिना एक दिन रह सकते हैं। यह एक चुनौती हो सकती है, लेकिन यह देखें कि क्या आप पूरे एक दिन ऐसा कर सकते हैं। इसका एक महत्वपूर्ण कारण है, क्योंकि हममें से अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता कि हम कितनी नकारात्मक बातें बोलते हैं, लेकिन एक दिन अपने शब्दों पर गौर करने के बाद आपको इसका अंदाजा हो जाएगा। याद रखें, नकारात्मकता और शिकायतों से ऐसी ही अधिक चीजें आती हैं और यदि नकारात्मक शब्द बोलते वक़्त आप उनके बारे में जागरूक रहते हैं, तो आप ठहरकर फ़ैसला कर सकते हैं कि क्या आप सचमुच उसी तरह के परिणाम चाहते हैं, जिस तरह की बात आप कहने जा रहे हैं। यदि आप ख़ुद को कोई नकारात्मक बात सोचते या कहते हुए पाएँ, तो यहाँ दी जा रही जादुई लाइफ़लाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। तत्काल रुक जाएँ और कहें:


...............लेकिन मुझे कहना है कि मैं............


.................के लिए सचमुच कृतज्ञ हूँ।


खाली स्थान में कोई चीज़ कोई भी चीज़ भर लें, जिसके लिए आप कृतज्ञ हैं। इस चमत्कारिक लाइफ़लाइन को अपने साथ रखें और ज़रूरत महसूस होने पर इसका इस्तेमाल करें।


और यदि भविष्य में कोई छोटी समस्या या स्थिति प्रकट होती है, तो अंगारों के प्रबल ज्वाला में तबदील होने से पहले ही उन्हें कृतज्ञता से बुझाना याद रखें। इस तरह आप अपने जीवन में चमत्कार को भी प्रज्वलित कर देंगे!



1. अपनी नियामतें गिनें दस नियामतों की सूची बनाएँ लिखें कि आप क्यों कृतज्ञ हैं। अपनी सूची दोबारा पढ़ें और हर नियामत के अंत में कहें धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद। उस नियामत के लिए अधिकतम कृतज्ञता महसूस करें।


2. अपने जीवन की किसी ऐसी समस्या या नकारात्मक स्थिति को चुन लें, जिसे आप सबसे अधिक सुलझाना चाहते हैं।


3. दस चीजों की सूची बनाएँ, जिनके लिए आप नकारात्मक स्थिति में कृतज्ञ हैं। 


4. अपनी सूची के अंत में लिखें: आदर्श समाधान के लिए धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद।


5. केवल आज के लिए देखें कि क्या आप बिना कोई नकारात्मक बात कहे एक दिन गुजार सकते हैं। यदि आप खुद को कोई नकारात्मक बात कहते या सोचते हुए देखें, तो चमत्कारिक लाइफ़लाइन का इस्तेमाल करें तत्काल रुक जाएँ और कहें: लेकिन मुझे कहना है कि मैं - के लिए सचमुच कृतज्ञ हूँ।


6. आज रात सोने से ठीक पहले अपने चाहें गए भगवान की फ़ोटो एक हाथ में थामें और दिन भर में हुई सबसे अच्छी चीज़ के लिए शाक्तिशाली शब्द धन्यवाद कहें।


चिन्तन का विषय:– चिन्तन करे और अपने सपने को पूरा करे ।

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