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मंगलवार, 6 सितंबर 2022

श्रीमद्भगवद्गीता : अथ प्रथमोऽध्याय


 *🕉श्रीमद्भगवद्गीता दैनिक स्वाध्याय 🕉*

         *🌹!श्री हरि!🌹*


  *🙏ॐ परमात्मने नमः🙏*


अथ प्रथमोऽध्यायः-


अर्जुनविषादयोग

दोनों सेनाओं के प्रधान शूरवीरों और अन्य महान वीरों का वर्णन


धृतराष्ट्र उवाच

धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।

मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥1-1॥


dhṛtarāṣṭra uvāca

dharmakṣētrē kurukṣētrē samavētā yuyutsavaḥ.

māmakāḥ pāṇḍavāścaiva kimakurvata sañjaya৷৷1.1৷৷


समवेता: = इकट्ठे हुए; युयुत्सव: = युद्ध की इच्छा रखने वाले; मामका: = मेरे; च = और; पाण्डवा: = पाण्डु के पुत्रों ने; किम् = क्या; अकुर्वत = किया


धृतराष्ट्र[1]बोले-


हे संजय[2] ! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र[3] में एकत्रित, युद्ध की इच्छा वाले मेरे और पाण्डु[4] के पुत्रों ने क्या किया ? ।।1:1।।


Dhratrastra said:


Sanjaya, gathered on the sacred soil of kuruksetra, eager to fight, what did my children and the children of pandu do?(1:1)


संजय उवाच

दृष्टवा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा ।

आचार्यमुपसंगम्य राजा वचनमब्रवीत्‌ ॥1-2।।


sañjaya uvāca

dṛṣṭvā tu pāṇḍavānīkaṅ vyūḍhaṅ duryōdhanastadā.

ācāryamupasaṅgamya rājā vacanamabravīt৷৷1.2৷৷


तदा = उस समय; दुर्योंधन: = दुर्योधन ने; व्यूढम् = व्यूहरचनायुक्त; पाण्डवानीकम् = पाण्डवों की सेना को; द्रष्टा= देखकर; तु = और; आचार्यम् = द्रोणाचार्य के; उपसंगम्य = पास जाकर (यह); अब्रवीत् = कहा;


उस समय राजा दुर्योधन[3] ने व्यूह रचनायुक्त पांडवों [4] की सेना को देखकर और द्रोणाचार्य[5]के पास जाकर यह वचन कहा ।।2।।


Sanjaya said:


O King, after looking over the army gathered by the sons of Pandu, King Duryodhana went to his teacher and began to speak the following words: (2)


पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्‌ ।

व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ॥


paśyaitāṅ pāṇḍuputrāṇāmācārya mahatīṅ camūm.

vyūḍhāṅ drupadaputrēṇa tava śiṣyēṇa dhīmatā৷৷1.3৷৷


तब = आपके; धीमता= बुद्धिमान्; शिष्येण = शिष्य; द्रुपदपुत्रेण = द्रुपदपुत्र धृष्टद्युम्न द्वारा; व्यूढाम् = व्यूहाकार खड़ी की हुई; पाण्डुपुत्राणाम् = पाण्डुपुत्रों की; एताम् = इस; महतीत् = बड़ी भारी; चमूम् = सेना को; पश्य = देखिये


हे आचार्य ! आपके बुद्धिमान् शिष्य द्रुपद[3] पुत्र धृष्टद्युम्न[4] द्वारा व्यूहाकार खड़ी की हुई पाण्डु[5]पुत्रों की इस बड़ी भारी सेना को देखिये ।।3।।


Behold, master, the mighty army of the sons of Pandu arrayed for battle by your talented pupil, Dhristadyumna, son of Drupada.(3)


अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि ।

युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथ: ।।4।।

धृष्टकेतुश्चेकितान: काशिराजश्च वीर्यवान् ।

पुरूजित्कुन्तिभोजश्च शैव्यश्च नरपुंगव: ।।5।।

युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान् ।

सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथा: ।।6।।


atra śūrā mahēṣvāsā bhīmārjunasamā yudhi.

yuyudhānō virāṭaśca drupadaśca mahārathaḥ৷৷1.4৷৷

dhṛṣṭakētuścēkitānaḥ kāśirājaśca vīryavān.

purujitkuntibhōjaśca śaibyaśca narapuṅgavaḥ৷৷1.5৷৷

yudhāmanyuśca vikrānta uttamaujāśca vīryavān.

saubhadrō draupadēyāśca sarva ēva mahārathāḥ৷৷1.6৷৷


अत्र = इस (सेना) में; महेष्वासा: = बड़े बड़े धनुषों वाले; युधि = युद्ध में; भीमार्जुनसमा: = भीम और अर्जुन के समान; शूरा: = बहुत से शूरवीर; (सन्ति) = हैं (जैसे); युयुधान: = सात्यकि; द्रुपद: = राजा द्रुपद; (4) धृष्टकेतु: = धृष्टकेतु; चेकितान: = चेकितान; वीर्यवान् = बलवान्; कशिराज: = काशिराज; पुरूजित् =पुरूजित्; कुन्तिभोज: = कुन्तिभोज; च = और; नरपुड़व = मनुष्यों में श्रेष्ठ; शैब्य: = शैब्य;(5) विक्रान्त: = पराक्रमी; युधामन्यु: = युधामन्यु; वीर्यवान् = बलवान्; उत्तमौजा: = उत्तमौजा; सौभद्र: = सुभद्रापुत्र अभिमन्यु; द्रौपदेया: = द्रौपदी के पांचो पुत्र (यह); सर्वे =सब; महारथा: = महारथी हैं;(6)


इस सेना में बड़े-बड़े धनुषों वाले तथा युद्ध में भीम[4] और अर्जुन[5] के समान शूरवीर सात्यकि और विराट तथा महारथी राजा द्रुपद[6], धृष्टकेतु और चेकितान तथा बलवान् काशिराज, पुरूजित्, कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैव्य, पराक्रमी युधामन्यु तथा बलवान् उत्तमौजा, सुभद्रा[7] पुत्र अभिमन्यु[8] एवं द्रौपदी[9] के पाँचों पुत्र महारथी हैं ।।4-5-6।।


There are in this army heroes wielding mighty bows and equal in military prowess to Bhima and Arjuna-Satyaki and Virat and the maharathi(warrior chief) Drupada; Dhrstaketu,Chekitana and the valiant king of Kasi, and Purujit, Kuntibhoja, and Saivya, the best of men and mighty Yudhamanyu, and valiant Uttamauja, Abhimanyu, the son of Subhadra, and the five sons of Draupadi,-all of them maharathis (warrior chiefs). (4,5,6)


*【शेष क्रमशः कल】*


अधिकांश हिन्दू तथाकथित व्यस्तता और

समयाभाव के कारण हम सब सनातनियों

के लिए परम पूज्यनीय 

श्रीमद्भगवद्गीता का स्वाध्याय करना छोड़

चुके हैं, इसलिए प्रतिदिन *गीता* जी के कुछ 

*श्लोकों को* उनके *हिंदी*/इंग्लिश अर्थ सहित पोस्ट

कर 

सम्पूर्ण *गीता* जी का स्वाध्याय कराने का

यह प्रण लिया गया है . आप सभी भी गीता जी के 

 श्लोको को प्रतिदिन* पढ़ने व *पढ़वाने* और अर्जुन की भांति ज्ञान का अनुशरण करने का

*संकल्प लें lllll*


🛕🕉⚜️🌷🗡️🚩🔱🐚⚔🇮🇳


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