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शनिवार, 8 अक्तूबर 2022

विचार की शक्ति जिससे बदल सकती है आपकी जिंदगी

*🌷श्री हरि 🌷* 

 *विचारो की शक्ति* 

 *सबसे पहले मैं भगवती आदिशक्ति माता के चरणों में मस्तक झुका कर दंडवत प्रणाम करता हूं जिन की कृपा दृष्टि से उनके सच्चे भक्तों के घर में जन्म लिया। मैं माता भगवती जगदंबिका को बार-बार नमस्कार करता हूं जिसने मुझे अपने परम भक्त को माता पिता स्वरूप में प्रदान किया* 


 *मैं माता अंबिके माता महाकाली और माता महा सरस्वती को बारंबार प्रणाम करता हूं जिन्होंने गुरु के हाथ से मेरे ऊपर कृपा दृष्टि की , मुझ पतित को पवित्र किया * 

 *मैं गुरु प्रभु के कोटि चरण मैं मस्तक झुकाकर दंडवत प्रणाम करता हूं जिन्होंने मुझ पतीत प्राणी को अपने योग बल से मेरी बुद्धि को बलपूर्वक धर्म के प्रति प्रेरित किया .*

 *हम जिस प्रकार के विचारों को लगातार सोचते रहते हैं उसी से मिलाजुला परिणाम जीवन में मिलता है यदि आप अपने कमी के बारे में ज्यादा सोचते हैं तो हमेशा आपको कमी महसूस होगा और परिणाम में भी कमी मिलेगा*

 *जैसे आप बार-बार सोचते हैं "मैं दुखी हूं ,मैं परेशान हूं, मुझे लोग सम्मान नहीं देते, मेरी पत्नी अच्छी नहीं है, मेरे बेटे अच्छे नहीं हैं, मैं बर्बाद हो गया, मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा, मैं असफल हो जाऊंगा, मैं यह नहीं कर सकता, मैं वह नहीं कर सकता" यह सब नकारात्मक विचार है और इस विचार को जब जब हम सोचते हैं तो परेशान हो जाते हैं यही कारण है की परिणाम में हमें दुख असफलता चिंता ग्रस्त होते हैं यदि आप इस नकारात्मक विचार की जगह अपने पसंदीदा सकारात्मक विचार को चुनते हैं आपको चाहे सामने ना भी दिखे फिर भी आप  उम्मीद के साथ कल्पना करें अपने पसंदीदा विचार को अवचेतन मन में उतर जाने दे तो परिणाम में आपको अपनी पसंद की घटनाओं देखने को मिलेगा आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे आपका पसंदीदा विचार "जैसे मेरी पत्नी बहुत अच्छी है, मेरा बेटा बहुत अच्छा है, मैं सुखी और संपन्न हूं ,मैं ईश्वर के प्रति एहसानमंद हूं ,मैं हर दिन हर पल सफलता के मार्ग पर चल रहा हूं, मैं हर क्षेत्र में सफलता को प्राप्त हो रहा हूं" लगातार इसी विचार को सोचे और महसूस करें कल्पना करें आपकी कल्पना एक वायुयान की तरह है आपकी भावनाएं और महसूस ईंधन की तरह है महसूस से भावनाएं उत्पन्न होती है जैसा महसूस करेंगे वैसी भावनाएं उत्पन्न होगी यदि आप किसी नकारात्मक विचार को लेकर परेशान हैं तो आपके भीतर आपके विरुद्ध भावनाएं उत्पन्न होती है जिससे आपको हमेशा नकारात्मक परिणाम ही मिलता है इसलिए अपने विचारों को वश में रखें कभी भी अपने इक्षा के विरुद्ध किसी भी विचारो को अपने दिमाग में न आने दे। किसी की शिकायत या स्वयं की शिकायत ना करें कोई ऐसी बात को न सोचे जिससे आपको परेशानी दुख भय और शंका हो हमेशा दूसरों को प्रेम दें स्वयं से प्रेम करें स्वयं से घृणा ना करें स्वयं की शक्ति पर विश्वास करे । आपके भीतर एक अनंत शक्ति है जो आपके विचार भावनाओं और महसूस के जरिए काम करती है आप उस शक्ति को पहचाने आप जो चाहे पा सकते हैं जो चाहे कर सकते हैं आपके इक्षित परिणाम ही सकारात्मक परिणाम है आपका इक्षित सपना ही आपका लक्ष्य है आप जो चाहते हैं सिर्फ उस पर ध्यान केंद्रित करें जो नहीं चाहते हैं उसे भूल कर भी अपने दिमाग में किसी भी प्रकार से ना लाएं जैसे आप कोई कार्य कर रहे होते हैं तो कभी-कभी ऐसा लगता है कि मैं बोर हो रहा हूं पता नहीं मुझसे होगा या नहीं होगा पता नहीं कैसे कर पाऊंगा यह सब आपके इच्छा के विरुद्ध है इन सब विचारों को अपने दिमाग से निकाल कर फेंक दें यह नकारात्मक विचार हैं आपके सफलता के मार्ग में यह संका बहुत बड़ा रोरा है . आप जो चाहे उसे ईश्वर के प्रति कृतज्ञता के द्वारा पा सकते हैं आप अभी ऐसे भी लिख सकते हैं मैं बहुत ही भाग्यशाली और सुखी हूं मैं अपने इस शरीर के लिए ईश्वर को धन्यवाद करता हूं यदि आपको धन दौलत चाहिए तो आप ऐसे भी लिख सकते हैं मैं प्रत्येक दिन (अपने एक चित संपत्ति को लिखें चाहे वो कितना ही बड़ा क्यो न हो आपको मजाक न लगे पूर्ण विश्वास होना चाहिए)₹5000 की कमाई करता हूं चाहे आपको अभी फिलहाल ना भी वह राशि मिलता हो परिणाम में वही मिलेगा जो आप चाहते हैं बशर्ते आपको इस विचार को हमेशा अपने दिमाग में सोचते रहना है याद रखना है इसके लिए ईश्वर को धन्यवाद करना है परमात्मा  आपके विचारों को उसी समय सच नहीं करता जिस समय आप सोचते हैं इसमें वक्त लगता है यदि ऐसा होता तो अनजाने में आप अपने विरुद्ध की घटनाओं को सोचते ही सच कर लेते जैसे आप किसी एक्सीडेंट के बारे में सोच रहे हैं तो वह आपके सोचते ही हो जाता जिससे आपको ही नुकसान हो सकता था किंतु आप अपने विचार को सोचें समझे फिर निर्णय लें संकल्प लें संकल्प लेने के बाद आप अपने इक्षित सपना के बारे में जितना ज्यादा सोचेंगे एहसानमंद महसूस करेंगे वह उतनी ही तेजी से घटित होगी . पौराणिक कथाओं में आपने देखा होगा कोई राक्षस किसी कामना को लेकर कई वर्षों तक भगवान की तपस्या करता रहता है फिर एक दिन ऐसा होता है कि वह अपने इक्षित वरदान को परमात्मा से प्राप्त कर लेता है किंतु वह उस वरदान का दुरुपयोग कर अपने लिए अभिशाप बना लेते हैं आपको इस प्रकार से नहीं करना चाहिए यदि आप अपने विचारों से दूसरों को नुकसान पहुंचाएंगे तो सबसे पहले आपको नुकसान होगा इसलिए किसी ऐसे विचार को अपने दिमाग में रखे जिससे किसी दूसरे के हृदय को चोट ना पहुंचे और आप भी सुखी रहें… यदि आप दूसरे को सुख पूर्वक वचन कहेंगे प्रेम पूर्वक वचन कहेंगे तो सबसे पहले आपको आनंद आता है क्योंकि सामने वाला व्यक्ति भी आप से आनंदित है आप जो चाहे कागज पर स्पष्ट लिख ले जैसे मैं फलाने किस्म का दोस्त चाहता हूं फलाने किस्म की नौकरी चाहता हूं फलाने किस्म का बिजनेस चाहता हूं दिन में जितने बार देख सके उस कागज पर लिखे हुए शब्दों को पढ़ें और अपने अवचेतन मन में उतर जाने दे अवचेतन मन में उतर जाने के बाद आपको चमत्कारिक रूप से लक्ष्य पर पहुंचा दिया जाएगा* *कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है जब आपके दिमाग में शंका उत्पन्न हो जाएगी यह सब बेकार है यह सब करना जरूरी है क्या ....तो पता है क्या होगा.... परिणाम में भी वही बेकार वाहियात घटना देखने को मिलेगा आप अपने इक्षित सपना को स्वयं से वंचित कर लेते हैं दुखी हो जाते हैं निराश हो जाते हैं आप ऐसा महसूस करने लगते हैं "मेरे कोशिश करने के बाद भी ना मिला" इन सब भावनाओं से आपको दूरी बनाना है अपने संका वाली ऊर्जा को अटूट विश्वास में बदल ले . आपको मैं सिद्धांत बता देता हूं किस प्रकार अपने सपने को लिखना है और उसका चिंतन करना है फिर आपको कैसे पाना है एक कागज ले उस पर अपने पसंदीदा विचार को अपने पसंदीदा घटना को पसंदीदा परिणाम को अस्पष्टता से विस्तार से लिखें उसे दिन में कई बार देखें ज्यादा अच्छा होगा आप प्रत्येक दिन उस विचारों को सुबह शाम और रात्रि मैं मैं 10 15 बार लिखें जब आपका अवचेतन मन आपके आदेश को ग्रहण कर लेता है तब वह आपको वह हर चीज लाकर देता है जिसे आप पाना चाहते हैं बहुत लोगों का प्रश्न होगा यह करने से मुझे कितने दिन में परिणाम मिल जाएंगे तो मैं बता दूं आप 1 दिन में भी परिणाम पा सकते हैं और 5 सालों में भी परिणाम पा सकते हैं यह आपके विश्वास और परमात्मा के बीच का तालमेल है आप जितनी ज्यादा गहराई से अपने सपने के बारे में कृतज्ञता महसूस करेंगे आप उतनी तेजी से अपने इच्छित परिणाम को पा लेंगे । जब आप अभ्यास करेंगे तभी आपको अपने आप समझ आ जाएगी यह समय से परे है क्वांटम फिजिक्स भी सी बात की ओर इशारा करता है कोई दुनिया तब तक नहीं बन सकती जब तक आपका दिमाग उस में दाखिल ना हो आप अपने दिमाग की शक्तियों को पहचााने आपके दिमाग की शक्ति आपके घर के फूल बगीचे पेड़ पौधे पर प्रभाव डालता है आपके दिमाग की शक्ति सुख दुख का कारण है इसलिए भगवान कृष्ण भी कहते हैं यह मनुष्य स्वयं का शत्रु है स्वयं का मित्र है ।*


 *जिन लोगो कि कोई कामना नहीं है या कामना भी है जो परमात्मा को पाना चाहते हैं तो उनके लिए उत्तम विचार ऋग्वेद से रखना चाहूंगा हालांकि वह गायत्री मंत्र है जिसका हिंदी अनुवाद यहां प्रस्तुत करना चाहूंगा आप उसे प्रतिदिन 10 बार लिखकर अभ्यास करें . आपको 1 महीने में ही आभास होने लगेगा और परिणाम भी मिल जाएगा और यह इतना जबरदस्त है मैं कह नहीं सकता हूं जब आप अभ्यास करेंगे आपको समझ आ जाएगी यह एक शक्तिशाली विचार है ये साकाम निष्काम दोनो भावो को रखने वाले लोगो के लिए है।* 

 *ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।* 

 *अर्थ: हम पृथ्वीलोक, भुवर्लोक और स्वर्लोक में व्याप्त उस सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परमात्मा के तेज का ध्यान करते हैं। हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की तरफ चलने के लिए परमात्मा का तेज प्रेरित करे* 

 *यदि आप दूसरे के लिए प्रार्थना करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे जबरदस्त और शक्तिशाली मंत्रों को अर्थ सहित प्रस्तुत करना चाहूंगा.* 

 *ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः।* 
 *सर्वे सन्तु निरामयाः।* 
 *सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।* 
 *मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥* 
 *ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥*
 *भावार्थ:* 
 *सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने। हे भगवन हमें ऐसा वर दो!* 

 *आपके हृदय में विश्वास बनाने के लिए एक घटना को बताना चाहूंगा मैं 14 वर्षों से लेकर 22 वर्षों तक गली का गुंडा हुआ करता था इसके साथ मुझे अपने कैरियर के बारे में भी इतना ज्ञान नहीं था फिर भी माता-पिता के कहने पर कभी-कभी अपने कैरियर के बारे में सोचता रहता था किंतु मैं इस बात को लेकर चिंता मुक्त था मैं पढ़ने में भी बहुत कमजोर था इस समूह(🕉श्रीमद्भगवद्गीता दैनिक स्वाध्याय 🕉) में जो भी मेरे करीबी लोग हैं वह मुझे भली भली भांति जानते हैं किसी को उम्मीद नहीं था मै दसमा और इंटर पास कर पाऊंगा किंतु मुझे उम्मीद था मुझे पूरा विश्वास था कि मैं दसमा इंटर पास करूंगा फिर मेडिकल क्षेत्र में अवश्य ही सफल हो जाऊंगा यदि ईश्वर है उसके वश में यदि मैं हूं तो मुझे अपने कार्य में संलग्न करें मुझे अपने लक्ष्य तक पहुंचा दे मैं उसे स्वयं को सौंपना चाहता हूं मुझे ग्रहण करे मुझे सफल मनुष्य बनाएं आज मैं जब स्वयं को पढ़ता हूं तो ईश्वर के लिए कितना ही कृतज्ञ महसूस करो बहुत कम पड़ जाएगी उसकी महानता को मैं नमन करता हूं मैं आसानी से दसमा इंटर पास किया और मेडिकल कॉलेज में आसानी से एडमिशन भी हो गया फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर अच्छे नंबरों से पास किया और सबसे बड़े मजेदार की बात है मैं जिस जगह पर एडमिशन करवाना चाहता था वहां भी बहुत आसानी से ही एडमिशन हो गया मानो परमात्मा ने मेरे हाथ को पकड़ कर वहां तक ले गया सब कुछ उसी ने किया हो और वास्तव में सब कुछ उसी ने किया मैं अपने विचार शक्ति से कई बार रोगमुक्त भी हुआ हूं मैं अपने विचार शक्ति से तामसिक जीवन से सात्विक जीवन को भी प्राप्त किया मैंने कई लोगों पर रिसर्च भी किया है यह वाकई सत्य है यदि आप इस सिद्धांत को सत्य नहीं मानते तो कोई बात नहीं एक ना एक दिन आपको इस सत्य को मानना ही पड़ेगा क्योंकि यही एक मार्ग है महात्मा बुद्ध ने कहा था आज आप जो कुछ हैं वह आपके पिछले विचारों का परिणाम है* *भगवान कृष्ण गीता में कहते हैं मनुष्य के संकल्प से कामना उत्पन्न होती है और उसी कामना से मनुष्य को सुख दुख आदि फल मिलते हैं इतिहास में कई ऐसे महान संत हुए जिन्होंने कृतज्ञता के बदौलत समाज को सुधार दिया ईश्वर को प्राप्त किया , ईश्वर को पाना उनके लिए बहुत ही आसान हो गया आप जितना ज्यादा कृतज्ञता देंगे उतनी तेजी से परिणाम मिलेगा स्वयं पर एक एहसान करें कभी भी अपनी इच्छा के विरुद्ध किसी विचार को अपने दिमाग में ना रखें चाहे वह सफलता का डर हो मेहनत का डर हो चाहे किसी भी चीज की समस्या हो आप उस समस्या पर ध्यान ही मत दो जब समस्या सामने आए तो आप समाधान की ओर ध्यान देंगे अपने अवचेतन मन से समस्या का समाधान मांग सकते हैं आप अपने अंतरात्मा से समस्या का समाधान अस्पष्टता से मांग सकते हैं ऐसे भी कह सकते हैं मुझे समाधान दिखाओ फलाने समस्या का समाधान करके दिखाओ आपको किसी लोगों के द्वारा किसी बच्चों के द्वारा किसी वस्तु के द्वारा समाधान दिख जाएगा बशर्ते आपको विश्वास होना चाहिए आपका अंतःकरण अंतरात्मा आपके साथ है आपकी बातों को सुनता है और वह आपको जवाब देगा .* 

 – राहुल झा








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प्रश्न . नाम किस प्रकार जप होना चाहिए ? जिससे हमे लाभ हो ? उत्तर:– सबसे पहले नाम जप जैसे भी हो लाभ होता ही है ... फिर भी आप जानने के इक्ष...