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बुधवार, 9 अगस्त 2023

माताओं को राम तक पहुंचाने का प्रयास

मेरा मन अपनी माताओं को संदेश देता है पर स्वयं राम को भुलाए बैठा है । 👇👇👇 ꧁༺🙏❤️🌷|| राम ||🌷❤️🙏༻꧂ ━╬٨ـﮩﮩ❤٨ـﮩﮩـ╬━ हे मां आप कुछ नही है आप और आपकी दृष्टि में एकमात्र राम(राममय, वसुदेव सर्वम, या राधा मई ) है उसके सिवाय कुछ नही है आप राम (बिहारी जी )से अटूट प्रेम करो क्योंकि राम मार्ग है राम ही नित्य घर है राम ही आपका लक्ष्य है आपकी वाणी भी राम है तेरे विचार भी राम हैं । राम ही तेरा प्रिय है । राम आपके हृदय से अनंत ब्रह्मांड में व्याप्त हैं । राम ही समस्त जगत है राम ही तीनो काल है। आपका सब कुछ राम है उसके सिवाय कुछ नही है। हे माता आप दुर्गति का भय त्याग दे । आपने राम की प्रेरणा से मुझे प्रेम से बेटा कहा है और मैं राम की प्रेरणा से आपको मां कहा है तो मेरा स्वामी मालिक मेरा गुरु राम का इतना भी धर्म नही की आपको अपनी शरण ले । आप शोक दुःख भय का सर्वथा त्याग कर दे । आप राम को इस स्वप्न संसार में नित्य अपने लिए और दूसरो में स्थित अच्छे गुण के लिए प्रार्थना और धन्यवाद रूपी नमस्कार किया करों। आप राम के लिए नही रो सकती तो राम से कहो की वो आपके भीतर ऐसी प्रेमभक्ति आग प्रकट हो की आपके जीते जी आपको राम मिल जाए और उनके चरणो में फूट फूट कर रो लो और खुशी की आंसू उसके चरणो में बहा दो । राम ही आपका ईश्वर है । राम ही आपके प्राण है । राम ही आपके तन मन में स्वस्थ रूप में स्थित हैं। राम ही आपके आनंद हैं । राम ही आपकी आत्मा का विराट रूप परमात्मा है । अर्थात् राम ही आप में आत्मा है । आप दुःख से मत घबराओ क्योंकि राम के इतने दुःख आपने नही झेला फिर भी देखो वो अपने दुखों का नाश के साथ अपने भक्तो के भी कर डालते हैं। राम परम् आनन्द स्वरुप हैं उन्हें दुख छू भी नहीं सकता वो मनुष्य रुप अवतार लेकर हमलोग को शिक्षा देते हैं सुख दुःख आत्मा के नही शरीर के होते हैं । पाप– पुन्य अपना– पराया आत्मा के नही है शरीर के होते हैं । माता जी आप वही आत्म स्वरूप है उसी प्रकार आपको भी स्वयं के साथ सभी के कल्याण के लिए अपने हृदय में राम को मनाना चाहिए। माता जी आप मृत्यू के भी मृत्यु हैं आप अविनाशी हैं ईश्वरी हैं आप पर ब्रह्म स्वरूप हैं क्योंकी राम से भिन्न नहीं है । आप शरीर का पर्दा हटा कर देखे तो सर्व्यप्त राम ही दिखेंगे आप भी राम से बने तो आप राम से भिन्न नहीं है महात्मा अर्जुन महराज ने कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण के विराट रूप में स्वयं को भी देखे थे। आप राम रूपी महासागर में बूंद रूप में हैं और आप बूंद में राम रूपी महासागर स्थित हैं । इसका अनुभव किजिए आनंद में मगन हो जाइए। आप परम् आनंद स्वरूप है । आपको प्रेम भक्ति चाहिए तो आप गोपी मईया के लिए धन्यवाद और प्रणाम करें क्योंकि उन्होंने कृष्ण रूप में गोपियों को प्रेम भक्ति देकर दर्शन दिए। किन्ही महापुरुष को भगवत प्राप्ति हुई है तो उनके लिए राम को धन्यवाद करो । कोई भगवत प्राप्ति की चेष्टा कर रहा है तो उसके लिए राम को धन्यवाद किजिए। किसी को धन दौलत और अच्छे पुत्र पति पत्नि मिली है तो उसके लिए धन्यवाद नमस्कार करो । यदि आपको राम चाहिए तो सबसे पहले उनके लिए राम को धन्यवाद करो जिसने राम को पाया । कोई राम को प्राप्त कर रहा है तो उसके लिए राम को धन्यवाद करो । फिर देखो राम क्यो नही मिलेंगे । राम आपके हर एक बात को सुनते है राम आपके हर एक प्रार्थना को सुनते हैं आप जो व्यथा लिखते है वो आपके भीतर और मेरे भीतर या हमलोग से पड़े में स्थित होकर राम पढ़ते है माता सीता और राम आपके हर एक भाव को समझते हैं। आप प्रसन्नता पूर्वक राम का नाम लिया कर महावीर बजरंगी के चरण कमल को अपने हृदय में धारण कर ले । सीता मैया की कृपा से जब जब हम "राम" नाम लिखते हैं तो उसमे आप अपने बिहारी जी को देखिए । क्योंकि राम ही बिहारी रूप में हैं राम ही तो वृंदावन और अयोध्या में हैं । और श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 10 श्लोक 31 में भगवान वासुदेव श्री कृष्ण भी अर्जुन जी को कहते हैं। मैं पवित्र करने वालों में वायु और शस्त्रधारियों में श्रीराम हूँ तथा मछलियों में मगर हूँ और नदियों में श्री भागीरथी गंगा हूँ। श्रीरामभक्त इस राहुल नामक शरीर से आपके साथ आपके हृदय में माता जानकी प्रभु श्री राम जी को दंडवत प्रणाम करता है। 🙏🌷❤️ ≪━─━─━─━─◈─━─━─━─━≫ जय सिया राम जय राम जय राम जय जय राम जय सिया राम जय राम जय राम जय जय राम हर हर शंकर हर हर महादेव जय हनुमान ≪━─━─━─━─◈─━─━─━─━≫

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