कुल पेज दृश्य

बुधवार, 9 अगस्त 2023

मेरा राम और मेरा कृष्ण

हे राम अब मैं तेरे भक्तों को चिंतित देख कर मैं भी चिंतित हो गया हूं । मैं स्वाभाव से नटखट चंचल अवश्य हूं पर मैं तेरा बेटा हूं ये मां भी तेरी ही सनातन पुत्री है । मैं सभी ज्ञान से अधिक तेरे उपर ही पूरा भरोसा किया है । मेरे प्यारी माता जानकी इस मां के बदले मुझे बांध दो पर इस मां की उद्धार के लिए तेरे चरणों का आश्रय लिया है। माता यदि इन माताओं पर दया दृष्टि नही दिखाएगी तो मैं किनकी शरण जाऊंगा । माता सीता मैं ने स्वयं से अधिक तेरे उपर ही भरोसा किया है । माता राधिके तुम तो अपने पुत्र पर दया और प्रेम बरसाने वाली हो तू सभी मैया के हृदय में अपने चरण भक्ति बढ़ा कर उन पर कृपा करो । तथा मेरे हृदय की चिंता को मिटा दो । मेरी प्यारी मां ब्रिजेस्वरी मुझे तो सबसे अधिक तेरे उपर ही पूरा विश्वास है। मेरे हृदय की चिंता को दूर कर दो । मां दुर्गा महारानी मुझे तुम से बहुत डर भी लगता है कही तू मुझ से रूठ गई तो मैं अनाथ किनकी शरण जाऊंगा । मेरी मां दुर्गे मैं ने कभी तुम्हे कृतज्ञता पूर्वक तेरी पूजा नही की ... फिर तू मुझ पर दया कर क्षमा कर देती हैं । माता दुर्गे मैं ने स्त्रियों का संग किया पर तेरी अंशरूपा जानकार इस माता से मूंह न मोर पाया। मैया कृष्ण स्वरूपिणी श्यामा मैया मैं तुम से मिलने को इतना बैचेन हो गया की मुझे किसी बात की कोई परवाह नही रही तेरे भक्त से उतपटांग प्रश्न कर बैठा उसके उपरान्त फिर इन लोगो के पास पहुंच गया। मैया जगद्मबिके माता तू अब कब तक मुझे भटकाती रहेगी । मुझ पर एक कृपा कर दे अपने पास बुला मणि द्वीप ले तू इन माताओं को मेरे दोष दुर्गुणों से बचा कर इन्हे सारे प्रपंच बचा लो और अपने चरणो की भक्ति दान करों। मैया मैं तो अकेला असंग हूं । मेरी पराजय और विजय तू ही है । मेरी मां राधिका मैं ने तुम्हे कभी वैसे स्मरण नही किया जैसे संत जन और भक्त जन करते हैं मेरी मां मुझ पर दया करो मेरे अपराध को क्षमा करो और अब मेरी कोई ठीक नही कब हू कब हूं कब नही हूं । जन्म लेते जन्मदाता मैया को कष्ट दिया। माता दुर्गे माता पार्वती माता लक्ष्मी माता परम ब्रह्म स्वरूपिणी यदि भूल से भी मेरी काली दृष्टी इन माताओं के उपर पड़ी है तो ढाल बनकर इनकी रक्षा करो। माता मैं तो तुम्हे ढूढते ढूढते यात्रियों की भांति आपके भक्तो के पास पहुंच गया। यदि इसमें अपराध हुई है तो सजा या क्षमा देदो । माता मैं ने किसी को ठगने के उद्देश्य कभी किन्ही भक्त के पूछने पर मार्गदर्शन नही दिया है। मेरे हृदय में स्थित ज्ञान तेरा ही रूप है मेरी बुद्धि की मालकिन तू ही है । फिर यदि मुझ से कोई गलती होती है तो मैं किस पर प्रश्न करू ? मेरे हृदय की बात को तुम भली भांति जानती हो। सब का कल्याण हो । सब का मंगलमय हो सम्पूर्ण पृथ्वी पर सनातन धर्म से सजी रहे । पृथ्वी पर सभी हीन भावना से दूर भीतर से हिन्दू हो। सूर्य की भांति विश्वगुरु भारत चमकता रहे। सच्चे साधू संतो से मेरी भारत माता और पृथ्वी मां सजी सजी रहे । मां दुर्गे सभी तेरे कृपापत्र का अधकारी हो । गौ माता की रक्षा हो । इसके सिवाय और मुझे इस पृथ्वी पर कुछ नही चाहिए । वृंदावन और बरसाना की महारानी मां राधिके मैं तेरी शरण आया हूं। तुम अब कृपा करेगी । राधा मैया तू मेरी मां है और मैं तेरा बेटा हूं बस इतना ही मंत्र जानता हूं । मेरे प्यारे गोबिंद काश मैं तेरे माखन चोरी का आरोप अपने सर लेता । मेरे प्यारे गोविंद काश मै तेरे बदले यशोदा मैया की थप्पड़ खाता मेरे प्यारे गोविंद काश मै तेरे साथ गेंद खेलता मेरे प्यारे गोविंद काश मै भी तेरे साथ गौ चराता मेरे प्यारे गोबिंद काश मै भी तेरे साथ मथुरा में होता मेरे प्यारे गोबिंद काश मै भी तेरे बचपन का यार होता मेरे गोबिंद काश मै भी मैया को ठगने में माहिर होता मेरे प्यारे गोबिंद काश मै भी तेरे साथ राक्षसों का वध करता मेरे प्यारे गोबिंद काश मै भी तेरे साथ सोता जागता खेलता रोता और गुरुकुल में शिक्षा लेता । मेरे प्यारे गोबिंद काश मै भी उस घने जंगल में बुढ़िया की दी हुई चने खाता । मेरे प्यारे गोबिंद काश मै भी तेरे सीने से लिपटा होता । मेरे प्यारे गोबिंद काश मै भी तेरे साथ बार बार जन्मता और शरीर त्यागता । मेरे प्यारे गोबिंद ये भाव विचार कहां से और क्यो लिख रहा मुझे पता नही मैं तो बस तेरे प्रेम में तेरे साथ जीना मरना चाहता । मेरे प्यारे गोबिंद माना तो था तेरा अर्जुन हूं पर धीरे धीरे मेरा मन इतना बढ़ गया पता नही तेरे सखा क्यों बनना चाहता । मेरे प्यारे गोबिंद मेरे को मुक्ति ब्रह्म ज्ञान और न बंधन चाहता मैं तो बस तेरे साथ हंसना रोना चाहता ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नाम जप किस प्रकार होना चाहिए ।

प्रश्न . नाम किस प्रकार जप होना चाहिए ? जिससे हमे लाभ हो ? उत्तर:– सबसे पहले नाम जप जैसे भी हो लाभ होता ही है ... फिर भी आप जानने के इक्ष...