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बुधवार, 9 अगस्त 2023

माता दुर्गे

हे माता दुर्गे हे माता अंबिके हे माता परम् ईश्वरी हे माता सृष्टि स्वरूपिणी हे माता तुलसी हम आपके सन्तान आपके चरणो में हृदय से प्रेम पूर्वक दंडवत प्रणाम और नमस्कार करते हैं । 1 हे माता ज्ञान स्वरूपिणी विद्या स्वरूपिणी प्राण स्वरूपिणी आदिशक्ति हम आपके चरणों में बार बार प्रणाम करते हैं । 2 हे माता मृदुल भाषिणी संकट मोचिनी विघ्न विनाशिनी हम आपके सन्तान आपके चरणों में शरण लेकर आपको मस्तक झुका बार बार प्रणाम करते हैं । 3 हे माता राधिके हे माता दुर्गे हे माता सरस्वती आप मुझे अपने चरणों में आश्रय और अपनी भक्ति प्रदान करो । 4 हे माता विंधेस्वरी हे माता विश्वंभरी हे ब्रजेश्वरी आप कृपा हमारे हृदय में अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाकर भक्ति ज्ञान करूणा पराक्रम तथा आप अपने चरणों में समर्पण प्रेम रूपी दीपक प्रज्वलित करो। 5 हे माता जगदीश्वरी हे माता माहेश्वरी हे माता परमेश्वरी आप मेरे अंतः कारण में धारण /स्थित होकर हमे आत्म स्वरूप वृति प्रदान करो । 6 हे माता लक्ष्मी हे माता उमा हे हे माता सरस्वती आप मेरे हृदय के अंतःकरण में धारण होकर सभी दोष दुर्गुण को मिटा कर हृदय को सद्गुणों से प्रकाशित कर मुझे मेरे योग्य पति प्रदान करो । 7 हे माता नारायणी हे कालीके हे माता भैरवी आप मेरी सब प्रकार से रक्षा करें तथा सभी दोष दुर्गुणों पाप से रक्षा करो। 8 हे माता पार्वती हे माता जगदम्बा स्वरूपिणी हे माता सृष्टि स्वरूपिणी आप मुझे उत्तम पति प्रदान करो । 9 हे माता त्रिपुर सुंदरी हे माता लक्ष्मी हे माता सरस्वती आप मुझे पूर्ण सम्मान और समर्पण प्रेम देने वाला पत्निव्रता पति प्रदान करों। 10 हे माता आदिशक्ति हे माता राधिका महारानी हे माता दुर्गे महारानी आप मुझ में और मेरे होने वाले पति स्वामी में दुर्गुण दोष दूर कर हृदय में सद्गुण प्रकट करो । 11 हे माता विश्वंभरी हे माता जगत स्वरूपिणी हे माता भवानी आप मुझे मन के अनुकूल चलने वाला उत्तम स्वामी पति प्रदान करों। 12 हे माता भैरवी हे महालक्ष्मी हे माता श्याम सुंदरी आप मुझे ऐसे मनमोहक पति प्रदान करे जो मेरे मन के अनुकूल हो । 13 हे माता लक्ष्मी हे माता सीता हे माता गौरी मुझे ऐसे पति प्रदान करो जो नारायण की भांति अपनी पत्नी के प्रति समर्पित हो माता पिता का आज्ञाकारी हो सभी दुर्गुणों से रहित हो जो भाई बंधुओ का प्रेमी हो जो सब का हित चाहने वाला हो । जो मंगल करने वाला हो जो इस भाव सागर से पार उतारने वाला हो। 14 हे माता इंद्राणी हे माता वैष्णवी हे माता तुलसी महारानी आप मुझे मेरे योग्य उत्तम पति प्रदान करो जिसे पा कर मेरे माता पिता दादा दादी मेरे हित चाहने वाले और मुझको अपार प्रसन्नता और संतुष्टि हो। 15 – श्रीरामभक्त (राहुल.झा वत्स) रचित स्त्रोत

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